शरीर से गर्भाशय निकालने से जुड़े भ्रम और तथ्य को यहां जानें महिलाएं
आर. दीपिका
प्रसिद्ध सितार वादक अनुष्का शंकर ने हिस्टेरेक्टॉमी को लेकर जो ट्वीट किया है, उससे फिर यह बात सामने आ गई है कि स्त्री रोगों, नारी अंगों से जुड़ी समस्याओं पर कितनी कम चर्चा होती है, जबकि स्त्रियों का स्वास्थ्य सीधे-सीधे देश की भावी पीढ़ी के स्वास्थ्य और विकास से जुड़ा है। इसका मुख्य कारण यही है कि स्त्रियां खुद इस बारे में बात नहीं करना चाहतीं और ऐसी किसी समस्या या सर्जरी को छिपाकर रखना चाहती हैं। अनुष्का शंकर मानती हैं कि खुद इतने बिंदास और स्वतंत्र विचारों की होने के बावजूद उन्होंने अपनी सेक्सुअल हेल्थ और पीरियड्स, आदि की समस्याएं कभी साझा नहीं कीं, जिसे अब वह बदलना चाहती हैं। जरूरत है कि देश और दुनिया की हर स्त्री इन समस्याओं के बारे में खुलकर बात करे ताकि उसे सही मदद मिल सके।
हिस्टेरेक्टॉमी स्त्रियों की सबसे आम सर्जरी में एक है, इसके बावजूद इसकी चर्चा बहुत कम होती है, जिसके कारण इसे लेकर कई तरह के भ्रम भी लोगों के दिमाग में हैं। हिस्टेरेक्टॉमी एक प्रकार की सर्जरी है, जिससे किसी स्त्री का गर्भाशय निकाला जाता है। गर्भाशय महिलाओं की प्रजनन प्रणाली का अंग है जो बंद मुट्ठी के आकार का होता है। बच्चा पैदा होने से पहले गर्भाशय में ही विकसित होता है और वहीं से मासिक स्राव होता है। कई मेडिकल कारणों से डॉक्टर गर्भाशय निकाले जाने की सलाह देते हैं।
हिस्टेरेक्टॉमी की जरूरत कब होती है
- लगातार भारी रक्तस्राव जिसे दवाओं या डीएंडसी से काबू नहीं किया जा सकता।
- एंडोमेट्रियोसिस जिसमें कुछ ऊतक (टिशू) जो गर्भाशय के अंदर बढ़ने चाहिए, बाहर बढ़ने लगते हैं। इसमें कभी-कभी दर्द, खासकर मासिक धर्म के दौरान, असहनीय हो जाता है।
- प्रजनन प्रणाली के किसी अंग में कैंसर जैसे ओवेरियन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, गर्भाशय के मुंह का कैंसर या कैंसर होने की संभावना
- फायब्रॉयड: गर्भाशय या इसके आस-पास उभरने वाली गांठें या रसौली।
- प्रोलैप्स जिसमें गर्भाशय अपनी जगह से काफी नीचे आ गया हो।
और भी कई कारणों से गर्भाशय निकालने की जरूरत पड़ सकती है। आइए, देखते हैं कि इस सर्जरी को लेकर लोगों के दिमाग में क्या-क्या भ्रम हैं और उनमें क्या सच्चाई है।
भ्रम: यह एक बड़ी सर्जरी है जिससे ठीक होने में काफी वक्त लगता है।
सच: हिस्टेरेक्टॉमी कई प्रकार की होती है और उम्र तथा सामान्य स्वास्थ्य के आधार पर लगभग सभी में स्त्रियां तेज़ी से रिकवर होती हैं। इसके लिए अक्सर लेप्रोस्कोपिक या रोबोटिक सर्जरी का प्रयोग किया जाता है। इनमें छोटे चीरे होते हैं, जिनमें तेज़ रिकवरी होती है। पारंपरिक या ओपन सर्जरी कम सामान्य है, उसमें अस्पताल में बिताया जाने वाला समय थोड़ा अधिक और रिकवरी धीमी होती है, मगर आम तौर पर हिस्टेरेक्टॉमी के लिए पारंपरिक सर्जरी का इस्तेमाल कम होता है।
भ्रम: सर्जरी के तुरंत बाद मेनोपॉज़ शुरू हो जाएगा
सच: जब तक कि किसी मेडिकल कारण से आपकी ओवरियों को भी न निकाल दिया गया हो, हिस्टेरेक्टॉमी से मेनोपॉज के लक्षण नहीं पैदा होंगे। हिस्टेरेक्टॉमी के दौरान ओवरियों को भी निकाला जा सकता है, मगर अधिकांश बार उन्हें छोड़ दिया जाता है। मेनोपॉज तब होता है, जब ओवरियां अंडे बनाना और एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्टेरोन हारमोन पैदा करना बंद कर देती हैं। कुछ मामलों में ही हिस्टेरेक्टॉमी से जल्दी मेनोपॉज देखा गया है।
भ्रम: आपका स्त्रीत्व खत्म हो जाता है
सच: हिस्टेरेक्टॉमी से आप कम स्त्री नहीं हो जातीं। गर्भाशय से स्त्रियों की मजबूत पहचान जुड़ी है, इसलिए स्त्रियों को लगता है कि उसे निकालने के बाद उनका जीवन आमूल-चूल बदल जाएगा और उनका स्त्रीत्व कम हो जाएगा। ऐसा कुछ नहीं है। यदि आपके बच्चे हैं, तो आपके जीवन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और यदि आपके बच्चे नहीं हैं, तो आप मां बनने के लिए सरोगेट मदर, अडॉप्शन जैसे विकल्प अपना सकती हैं।
भ्रम: हिस्टेरेक्टॉमी के बाद सेक्स लाइफ खत्म हो जाती है
सच: हिस्टेरेक्टॉमी से आपकी सेक्स लाइफ कुछ सप्ताह के लिए पॉज़ हो सकती है, मगर वह खत्म नहीं होती। इस प्रक्रिया से गुज़री अधिकांश महिलाओं ने बताया कि सर्जरी के बाद उनकी सेक्स लाइफ वही रही या यहां तक कि बेहतर हुई। वे आखिरकार उस पीड़ा और भयानक रक्तस्राव से मुक्त हुईं, जिसकी वजह से उन्हें सर्जरी करवानी पड़ी। साथ ही, वे गर्भधारण के डर से मुक्त होकर सेक्स का आनंद ले सकती हैं।
हालांकि प्रक्रिया के दौरान ओवरियों को हटाने से सेक्स इच्छा कम हो सकती है क्योंकि काम भावना के लिए जरूरी टेस्टोस्टेरोन और इस्ट्रोजन हार्मोन उन्हीं में बनते हैं।
भ्रम : आपको कई सप्ताह बेड रेस्ट पर रहना पड़ेगा
सच: सर्जरी के बाद कुछ समय तक आप थोड़ा आराम करना चाहेंगी। मगर डॉक्टरों के मुताबिक जल्दी चलना-फिरना शुरू करना आपकी सेहत के लिए बेहतर होगा। स्त्रियों को कोई थकाने वाला काम नहीं करना चाहिए। थोड़ा-बहुत चलते-फिरते रहने से खून के थक्के नहीं बनेंगे और आपकी रिकवरी जल्दी होगी।
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हां, मैंने गर्भाशय निकलवाया और इसमें छिपाने जैसा कुछ नहीं है
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